संयुक्त परिवार व संयुक्त व्यापार हो तो क्या करें

Life | Family Business

जब व्यापार और परिवार संयुक्त हो तो कुछ नियमों की जरूरत पड़ती है जिससे परिवार और व्यापार, दोनों में बिखराव ना हो। पिछले 20 साल से बिज़नेस और लाइफ कोच के रूप में जो नियम हमने लोगों को सिखाये और जिनसे व्यापार व परिवार में सामंजस्य बना रहा, वो आपके साथ बांट रहा हूँ।

घर में व्यापार की चर्चा ना करें

संयुक्त परिवार में अक्सर व्यापार घर तक आ जाता है। नाश्ते से लेकर खाने की टेबल पर व्यापार की चर्चा होती है। व्यापार में सोच का मतभेद घर को भी तनावपूर्ण बना देते हैं। धीरे धीरे साथ बैठना भी भारी हो जाता है। व्यापार की चर्चा घर पर ना करने का कड़ा नियम बनाएं। यदि संभव ना हो तो इतना तय करें कि खाने की मेज पर व्यापार की चर्चा नही होगी। घर की महिलाओं की जिमेदारी है कि इस नियम का पालन करायें।

सबको बात रखने की आज़ादी हो 

अक्सर संयुक्त व्यापारों में ये देखने में आता है कि छोटे अपनी बात ठीक से रख नही पाते क्योंकि बड़ों के नाराज़ होने का डर होता है। बड़े लोग असहमति को विरोध या अपमान मान लेते हैं। यदि कई बड़े हों तो छोटों का उनको मनाने और सहमत करने में योजनाओं का कचूमर निकल जाता है। मेरी सलाह है कि संयुक्त परिवार में हर सप्ताह एक बोर्ड मीटिंग अर्थात सभी ओनर्स की मीटिंग होनी चाहिए। वहां छोटे बड़े का कोई भेद ना हो और सभी को पूरी बात रखने की स्वंतंत्रता हो। नियम ही यही रहेगा कि कोई किसी पर नाराज़ नही होगा। उस मीटिंग में जो भी निर्णय हो वो सबको मानना होगा। छोटों को भी योग्यतानुसार निर्णय लेने की स्वतंत्रता हो। एक बार निर्णय हो जाये तो सब उसको सफल बनाने में जान झोंक दें।

To watch 300+ videos on life & business, to subscribe Ujjwal Patni Youtube Channel

मतभेद को मनभेद ना बनाएं

अलग उत्तर, सोच, गति और शिक्षा की वजह से अक्सर मत अलग अलग हो जाते हैं। अलग अलग मत होना अच्छी बात है क्योंकि वो ये दिखाता है कि सब सोच रहे हो। ज्यादा चिंता तब होना चाहिए जब कोई एक ही सोच रहा हो और बाकी हाँ में हाँ मिला रहे हों। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये मतभेद, मनभेद मे ना बदले। सब अपनी सलाह तो दें लेकिन अंत में जिम्मा उन पर छोड़ दें जिन पर उस कार्य या लक्ष्य की जिम्मेदारी है। 

युद्ध मे सेनापति सब सलाहकारो की सुनते हैं मगर अंत में सोच समझकर निर्णय खुद लेते हैं क्योंकि जीत या हार का ठीकरा उनके सर पर फूटेगा। परिवार में सबको सलाह और मार्गदर्शन की इजाजत हो मगर अंतिम निर्णय उनको लेने दे जिनके पास उस कार्य की लीडरशिप है| हो सकता है कि मत, अलग हो लेकिन उसको लेकर मन खट्टा ना करें। परिवार चलाने के लिए सबके भीतर थोड़ी कुर्बानी वाली भावना और लचीलापन चाहिए।

इस विषय पर डॉ पाटनी ने एक शक्तिशाली शो रिलीज किया जिससे लाखों लोग प्रेरित हुए। विडियो नीचे देखें ।

छोटे या बड़े, सबकी जवाबदेही हो

परिवार के हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारी और जवाबदारी समझनी होगी। एक व्यक्ति संभाल रहा है तो दूसरों को लापरवाह होने की स्वतंत्रता नही है। यदि आप आगे बढ़कर कार्य करने जितने तेज नहीं है तो भी जो कार्य सौंपा जाए, उसको बिना याद दिलाये आपको करना होगा। बहुत से परिवारों में लोग भाग्यशाली होते हैं क्योंकि अक्सर एक व्यक्ति ज्यादा स्मार्ट, जिम्मेदार, निर्णय करने वाला और दबंग होता है। उसकी वजह से गाड़ी चलती रहती है लेकिन कभी ना कभी सबको अपनी जिम्मेदारी उठानी ही पड़ती है। आज ही उठा लें तो सबसे अच्छा है। उम्र में छोटा होना लापरवाही का लाइसेंस नही है। ईंटरनेट के समय में लोग छोटी उम्र में बड़े कमाल कर रहे हैं, ऐसे में उम्र को बहाना ना बनाएं। जो कार्य आपको सौंपा जाए, उसकी पूरी जिम्मेदारी लें, पूरा प्रयास करें , अधूरा ना छोड़ें, और किसी और को आपको बार बार याद ना दिलाना पड़े।

अच्छे वक़्त में कड़े और पारदर्शी निर्णय लें

कुछ घरों में परिवार की लड़ाई से व्यापार खत्म हो जाते हैं तो कुछ घरों में व्यापार की लड़ाई से परिवार खत्म हो जाते हैं। पारदर्शिता का अभाव इसका सबसे बड़ा कारण है। आर्थिक स्पष्टता, भविष्य की सुरक्षा, अगली पीढ़ी की योजना और लीडरशिप की कमी की वजह से सब भीतर से शंकित रहते हैं । एक दूसरे पर विश्वास की कमी हो जाती है मगर व्यापार को खींचते रहते हैं ।

मन मे असुरक्षा की वजह से व्यापार से सब निजी पूंजी बनाने की कोशिश करते है। "मैं" व्यापार पर हावी हो जाता है। मैंने कई फैमिली बिज़नेस को सलाह दी है और देखा है कि जहां भी एक दूसरे पर अविश्वास व शंका लंबे समय तक चलती है, वहां बिज़नेस से पूरी पूंजी गायब हो जाती है व बिज़नेस खत्म हो जाता है। व्यापार के मुखिया की जिमेदारी है कि वो समय रहते सबके काम बांटे, जिम्मेदारी स्पष्ट करे। यदि परिवार बड़ा है तो भविष्य में किसको क्या मिलेगा, ये भी रूप-रेखा समय रहते बनाये। जब कड़वाहट होती है तो कोई झुकने को तैयार नही होता। भविष्य की सारी योजनाएं तब बनाना चाहिए जब कोई कड़वाहट ना हो। ऐसे वक्त में सब एक दूसरे को सहयोग करने के लिए लचीले होते हैं।

Want great videos, quizzes & quotes, to like Ujjwal Patni Facebook page

सही और निष्पक्ष सलाहकार हो

परिवार के भीतर मतभेद होने पर एक दूसरे की सही बात भी हजम नही होती। हर बात के पीछे किसी योजना की बू आती है। निर्णय टलते जाते हैं क्योंकि कोई किसी की सुनता नही है और एक दूसरे का सामना नही करना चाहते। ऐसे में आपके पारिवारिक सलाहकार होने चाहिए जिनकी निष्पक्षता पर सबको भरोसा हो। सलाहकार भी ऐसा होना चाहिए जो व्यक्ति हित या स्वहित सोचने की बजाय सही तर्क का पक्ष ले। ये सलाहकार आपके सी ए, वकील, समझदार और मैच्योर रिश्तेदार आदि भी हो सकते हैं। मैं पिछले 15 साल से एक प्रोफेशनल मेंटर के रूप में अनेक बिज़नेस घरानों के सलाहकार हूँ जहां सपने बड़े हैं, काम बडा है और लोग प्रोफेशनल सलाह चाहते हैं। मैंने देखा है कि एक अच्छा और निष्पक्ष सलाहकार होने से विवाद जल्दी सुधरते हैं और लोग ठंडे दिमाग से सुनते हैं। इन्हें थिंक टैंक भी कहा जाता है।

 यदि संयुक्त परिवार और संयुक्त व्यापार को बचाना है और बढ़ाना है तो इन सलाहों पर अमल करें।

Million Dollar Advice:

छोटी छोटी आदतें ज़िन्दगी में क्रांति ला सकती है। दुनिया के 60 सफलतम लोगों की आदतें वैज्ञानिक तरीके से सीखना हो तो नीचे इमेज पर क्लिक करके डॉ उज्जवल पाटनी के प्रसिद्ध कार्यक्रम VIP - THE SUCCESS HABITS में जरुर हिस्सा लें | 8878759999 पर कॉल करें।

Technology habits | Extreme Productivity & Personal success habits | Super achiever Habits | Awarded VIP manual | 332 Minute course | 44 Videos | 33 Action Planners | 09 Frameworks | worksheets | Learn online, anywhere, anytime | A must attend program for all | Click Below

Dr. Ujjwal Patni

Motivational Speaker and Top Business Coach.

Visitor's Count:

website counter
Launch your GraphyLaunch your Graphy
100K+ creators trust Graphy to teach online
www.businessjeeto.com 2024 Privacy policy Terms of use Contact us Refund policy